Monday, 28 January 2013

क्या करूं...????????????.



क्या करूं...????????????.

उनको  करीब  लाने  की    चाह  में ,
सबसे  दूर  होते  गए ,
वो  करीब  ना  आये ,
सब  दूर  चले  गए .
पास  जाने  की  चाह  में, उनके
सबसे  दूर हो  गए ,
सबसे  अनजान  बनते  गए ,
वो  हमे  अनजान  कहे  गए .
हर  ख़ुशी  उनकी  देखने  के  लिए ,
हर वक़्त  दूर  रहे  उनके  नज़रों  से  हम .
जान  ना  पाये वो  हमे ,
भूल  गयी  हमे , दो  पल  क्या  जो  दूर  हो  गए  हम .
कितनी  कोसिशो  के  बाद  मनाया ,
मिलने  को  खुदसे ,
उससे  मिलन  में  भी  बिछुड़ना था ,
उनको  मुझसे .
हम  तो  बस  उन्हें  कुच्छ  कहना  चाहते ,
पर   वो  हमसे  कुच्छ सुन्ना  ना  चाहते ,
ख्वाब  में  तो  देर  रात  बाते  कर  लेता ,
सामने  उनके  में  कुछ  बूल  ना  पता .
कैसे  करू  में  बयान  लबो  से ,
करता  था  में  प्यार  दिल  से ,
काश समझ  जाती  प्यार  को  मेरे ,
न  होना  पड़ता  मुझे  दूर  अपनों  से 
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शिवराम सिंह राठौर काम्पिल्य फर्रुखाबाद
शाखा :--   सूचना प्रोधोगिकी 
क्लास :-- अंतिम वर्ष २०१२-२०१३
राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ *********  

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