क्या करूं...????????????.
उनको करीब लाने की चाह में ,
सबसे दूर होते गए ,
वो करीब ना आये ,
सब दूर चले गए .
पास जाने की चाह में, उनके
सबसे दूर हो गए ,
सबसे अनजान बनते गए ,
वो हमे अनजान कहे गए .
हर ख़ुशी उनकी देखने के लिए ,
हर वक़्त दूर रहे उनके नज़रों से हम .
जान ना पाये वो हमे ,
भूल गयी हमे , दो पल क्या जो दूर हो गए हम .
कितनी कोसिशो के बाद मनाया ,
मिलने को खुदसे ,
उससे मिलन में भी बिछुड़ना था ,
उनको मुझसे .
हम तो बस उन्हें कुच्छ कहना चाहते ,
पर वो हमसे कुच्छ सुन्ना ना चाहते ,
ख्वाब में तो देर रात बाते कर लेता ,
सामने उनके में कुछ बूल ना पता .
कैसे करू में बयान लबो से ,
करता था में प्यार दिल से ,
काश समझ जाती प्यार को मेरे ,
न होना पड़ता मुझे दूर अपनों से
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शिवराम सिंह राठौर काम्पिल्य फर्रुखाबाद
शाखा :-- सूचना प्रोधोगिकी
क्लास :-- अंतिम वर्ष २०१२-२०१३
राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ *********
शाखा :-- सूचना प्रोधोगिकी
क्लास :-- अंतिम वर्ष २०१२-२०१३
राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ *********
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