खुशबुओं की तरह मेरी हर सांस में
प्यार अपना बसाने का वादा करो
रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के है
मेरे दिल में सजाने का वादा करो
है तुम्हारी वफाओं पे मुझको यकीन
फिर भी दिल चाहता है मेरे दिल नशीं
यूँही मेरी तसल्ली की खातिर ज़रा
मुझको अपना बनाने का वादा करो
जब मोहब्बत का इकरार करते हो तुम
धडकनों में नया रंग भरते हो तुम
वादा कर चुके हो मगर आज फिर
मुझको अपना बनाने का वादा करो
सिर्फ लफ़्ज़ों से इकरार होता नहीं
इक जानिब से ही प्यार होता है
मई तुम्हे याद रखने की खाऊ कसम
तुम मुझको ना भुलाने का वादा करो …
प्यार अपना बसाने का वादा करो
रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के है
मेरे दिल में सजाने का वादा करो
है तुम्हारी वफाओं पे मुझको यकीन
फिर भी दिल चाहता है मेरे दिल नशीं
यूँही मेरी तसल्ली की खातिर ज़रा
मुझको अपना बनाने का वादा करो
जब मोहब्बत का इकरार करते हो तुम
धडकनों में नया रंग भरते हो तुम
वादा कर चुके हो मगर आज फिर
मुझको अपना बनाने का वादा करो
सिर्फ लफ़्ज़ों से इकरार होता नहीं
इक जानिब से ही प्यार होता है
मई तुम्हे याद रखने की खाऊ कसम
तुम मुझको ना भुलाने का वादा करो …
© शिवराम सिंह राठौर काम्पिल्य फर्रुखाबाद
******के. एस . आर . इंटर कालेज कम्पिल फर्रुखाबाद ************
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