Thursday, 14 March 2013

अजनबी इस शहर में आज मैं गुमनाम सा खड़ा हूँ......!!!

 

Me and My Friends in Mritunjay Dubey's Birthday party at 06 march 2013

अजनबी इस शहर में आज मैं गुमनाम सा खड़ा हूँ......!!!

 
अश्कों को रोक ले दिल का राज़ खोल
देंगे ....
तेरे कहने से पहले ये सबको आज बोल
देगे .....
जमाना मानता है मुझे गुनहगार जाने
क्यूँ.....
बता मुझसे ज्यादा कौन तेरा तलबगार
था ....
कैसा ये रिश्ता था जिसको अब तक
निभा रहा हूँ ....
कभी बरसों जो पीछे छूट
गया उसको बुला रहा हूँ ....
जिन्दगी को किस तरह देखूं मैं नाकाम
सा खड़ा हूँ.....
अजनबी इस शहर में आज मैं गुमनाम
सा खड़ा हूँ......!!!
 आपका मित्र शिवराम वरुण काम्पिल्य

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